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अलविदा बपसी- वो थीं दिल्ली की सबसे मशहूर मुंबईकर
नई दिल्ली- बपसी नरीमन दिल्ली में बस गई शायद सबसे प्रतिष्ठित मुंबईकर थीं। सुप्रीम कोर्ट के मशहूर वकील फली नरीमन की पत्नी और सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति रोहिंटन नरीमन
की मां बपसी जी अपने पति के साथ दिल्ली में 1972 में शिफ्ट कर गई थीं। तब सरकार ने फली नरीमन को अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरलनियुक्त किया गया।
बपसी जी ने उसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने दिल्ली को आत्मसात कर लिया था। दिल्ली में रहते हुए उन्होंने पारसी डिशेज पर आठ किताबें लिखीं। उनका बुधवार को निधन हो गया।

किन-किन की हमदर्द थी बपसी

बपसी नरीमन के संसार से विदा होने पर हौजखास और सफदरजंग डवलपमेंट एरिया ( एसडीए) के दर्जनों कुत्ते और बिल्लियों ने एक तरह से अपना हमदर्द खो दिया। वो इनके लिए रोज दिन में एक बार भोजन की व्यवस्था करती थी। इन्हें भोजन साफ-सुथरी थाली में दिया जाता था। ये सिलसिला कम से कम 25 वषों से चल रहा था। मलयालम और अंग्रेजी के लेखक ए.जे. फिलिप कहते हैं कि जब बपसी जी कुत्तों-बिल्लियों को भोजन बंटवाती थी तब कोई भी भौकता नहीं था। हालांकि कुत्ते-बिल्लियों का बैर जग जाहिर है। पर इधर सब प्रेम से पेट पूजा करते थे। उनके अपने घर में भी एक दर्जन बिल्लियां रहा करती थीं।

फली नरीमन अपने पुत्र रोहिंटन नरीमन के लीगल पेशे में सफल होने के लिए अपनी पत्नी बपसी को क्रेडिट देते थे। अपने लीगल पेशे में दिन-रात बिजी रहने वाले फली नरीमन के पास बच्चो के लिए वक्त नहीं था। तब बपसी जी अपने पुत्र और पुत्री के कायदे से लालन-पालन और उनकी शिक्षा पर ध्यान दे रही थीं। नरीमन दंपती की एक पुत्री अनिता मुंबई में स्पीच थैरेपिस्ट है।

जब रोका पति को मुंबई जाने से

जानने वाले जानते हैं कि जब देश में इमरजेंसी लगाने के विरोध में फली नरीमन ने अपने सरकारी पद से इस्तीफा देकर वापस मुंबई जाने का मन बनाया तो बपसी जी ने उन्हें रोका। उन्होंने पति को दिल्ली में घर खरीदने के लिए कहा। उन्हें समझाया कि अब हमें दिल्ली में ही रहना है। फली नरीमन ने अपनी पत्नी की सलाह को माना।

इसी तरह से सरकार ने जब फली नरीमन को राज्य सभा के लिए नामित किया तो वे इस जिम्मेदारी को लेने के प्रति बहुत उत्साहित नहीं थे। तब एक बार फिर बपसी जी ने उन्हें समझाया कि उन्हें राज्य सभा की सदस्यता को स्वीकार करना चाहिए और वहां देश के समक्ष अहम मुद्दों को उठाना चाहिए।

बपसीजी ग्रेटर कैलाश से सटे जमरूदपुर में निर्धन परिवारों के बच्चों के लिए वोकेशनल ट्रेनिंग का स्कूल भी चला रही थीं। उनके दिल के बेहद करीब था शिक्षा क्षेत्र। वह मानती थी हरेक बच्चे को सार्थक और रोजगारोन्मुख शिक्षा मिलनी चाहिए।

बपसी नरीमन का परिवार मुंबई का एलिट परिवार था। उनके नाना खान साहिब सोराबजी ने मुंबई का ताज होटल और गेटवे आफ इंडिया का निर्माण करवाया था। उनके निधन से दिल्ली का पारसी समाज और उनके तमाम प्रशंसक अपने को अनाथ महसूस कर रहे हैं।

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